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about us

 जय श्री महाकाल दोस्तों आपका स्वागत है बेज़ुबानों के इस डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर 🙏

        Welcome to Shree Mahakal Gau Sewa Sansthan, where compassion meets action for the voiceless! In social media sites such as Instagram , Facebook page , youtube and our this website witness our dedicated team in action as we embark on animal welfare initiatives that span animal rescues, feeding programs, awareness campaigns, and tree plantations in forests for our beloved monkeys. From addressing cruelty cases to offering sanctuary to injured and sick animals at our animal shelter, our commitment to safeguarding all creatures shines through. Join us on a journey of love, positivity, and service towards our furry and feathered friends. Together, we can make a paw-sitive difference in the world!

              Join us on an inspiring journey with Shree Mahakal Sewa Sansthan as they work tirelessly towards animal welfare. From heartwarming animal rescues to feeding programs and impactful awareness sessions, they leave no stone unturned in caring for our furry friends. Witness their dedication in tree plantation for monkeys and addressing cruelty cases, ensuring a brighter future for all creatures. Explore their animal shelter, where accidental and sick animals receive the love and care they deserve. Join our team in making a difference in the lives of these wonderful beings. Don't miss out on this incredible mission!

                Come join us in the heartwarming world of Shree Mahakal Gau Sewa Sansthan Prepare to be inspired as we showcase our efforts in making a difference in the lives of our beloved furry friends. Watch now and be a part of this noble cause!


श्री महाकाल गौ सेवा संस्थान में आपका स्वागत है, जहां बेजुबानों के लिए करुणा और कार्रवाई मिलती है! सोशल मीडिया साइट्स जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक पेज, यूट्यूब और हमारी इस वेबसाइट पर हमारी समर्पित टीम काम कर रही है, क्योंकि हम पशु कल्याण पहल शुरू कर रहे हैं, जिसमें पशु बचाव, भोजन कार्यक्रम, जागरूकता अभियान और हमारे प्यारे बंदरों के लिए जंगलों में वृक्षारोपण शामिल हैं। क्रूरता के मामलों को संबोधित करने से लेकर हमारे पशु आश्रय स्थल में घायल और बीमार जानवरों को शरण देने तक, सभी प्राणियों की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता झलकती है। हमारे प्यारे और पंखदार दोस्तों के प्रति प्यार, सकारात्मकता और सेवा की यात्रा पर हमसे जुड़ें। साथ मिलकर, हम दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकते हैं!

श्री महाकाल गौ सेवा संस्थान के साथ एक प्रेरणादायक यात्रा पर हमारे साथ जुड़ें क्योंकि वे पशु कल्याण की दिशा में अथक प्रयास करते हैं। हृदयस्पर्शी जानवरों के बचाव से लेकर भोजन कार्यक्रमों और प्रभावशाली जागरूकता सत्रों तक, वे हमारे प्यारे दोस्तों की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। बंदरों के लिए वृक्षारोपण और क्रूरता के मामलों को संबोधित करने, सभी प्राणियों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने में उनके समर्पण का गवाह बनें। उनके पशु आश्रय का अन्वेषण करें, जहां दुर्घटनाग्रस्त और बीमार जानवरों को वह प्यार और देखभाल मिलती है जिसके वे हकदार हैं। इन अद्भुत प्राणियों के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमारी टीम में शामिल हों। इस अविश्वसनीय मिशन को न चूकें!

            आइए श्री महाकाल गौ सेवा संस्थान की हृदयस्पर्शी दुनिया में हमारे साथ शामिल हों, प्रेरित होने के लिए तैयार रहें क्योंकि हम अपने प्यारे प्यारे दोस्तों के जीवन में बदलाव लाने के अपने प्रयासों को प्रदर्शित करते हैं। अभी देखें और इस नेक काम का हिस्सा बनें!

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Nandi Maharaj kaafi dino se ghayal padhe hue the

कुछ दिनों से नंदी महाराज ओरछा में एक आश्रम के पास घायल पड़े हुए थे जिसकी जानकारी हमे वहा रह रही एक साध्वी माता जी ने दी की नंदी महाराज काफी दिनों से उठ नही पा रहे है वही बारिश में डाले भीग रहे है और ठंड काफी ज्यादा है जिसके बाद हमारी श्री महाकाल गौ सेवा संस्थान की टीम झांसी से 18 किलोमीटर दूर ओरछा के लिए निकल गई जहा जाकर देखा नंदी महाराज काफी ज्यादा कष्ट में है और उनका उपचार शुरू करवाया गया मगर कहा जाता है की एक बार गाय या नंदी कुछ दिनों के लिए लेट जाए तो उनका उठना संभव नहीं होता और नंदी महाराज काफी दिनों तक कष्ट झेलने के बाद और दर्द नहीं झेल सकते थे और अगले ही दिन उन्होंने शाम को अपने प्राण त्याग दिए ।  समय पर सूचना न मिलना और समय पर इलाज न मिलना बेजुबानों की जिंदगी खतम कर देता है और ऐसी हालत में बेजुबान तड़प कर अपने प्राण त्यागता है ।     Comments Author Pushpendra April 16, 2021 at 11:39 AM Gjb❤ REPLY Post a Comment

HAMARI TEAM DWARA RESCUE KII GAYI RAMPYARI NE HAME BEZUBAN KI TAKLEEF KO KAREEB SE DEKHKAR HAME KUCH NAYA SIKHAYA

एक बंदरिया जिसका नाम हमने रामप्यारी रखा जिसकी जिंदगी में कुछ ऐसा बदलाव आया एक दिन जो इसने कभी सोचा भी न होगा की यह अपना एक हाथ और पंजा को देगी इतने दर्दनाक हादसे को झेलकर रामप्यारी जिंदगी की जंग जीत गई जिसकी हमे उम्मीद नहीं थी | रामप्यारी को झांसी के हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा हमारे पास लाया गया था रात 11 बजे जो की बिजली के खंबे से करंट लगने से जल कर नीचे गिरी और घायल हो गई जंगली जीव होने के कारण किसी ने रामप्यारी की मदद करने की नही सोची वही झांसी के संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा इसको रेस्क्यू करके 11 बजे रात को हॉस्पिटल लाया गया जहा इसका इलाज रात में न हो सका रात को ही ट्रॉमा सेंटर की देखरेख करने वाले भैया द्वारा हमारी टीम से संपर्क साधा और हमारी टीम द्वारा रात को इन्हे शरण दी गई एक मंदिर के कमरे में अगले दिन हमारे द्वारा इनको हॉस्पिटल ले जाया गया और वहा इनका उपचार जारी हुआ डॉक्टर का कहना था की सर्जरी की जानी है हाथ को काटना पड़ेगा और जिंदगी सिर्फ ऊपरवाले के हवाले थी उसकी हमने सर्जरी शुरू करवाई सर्जरी होने के बाद रामप्यारी को शेल्टर होम दिया गया हमारे घर में ही क्युकी शेल्टर पर...

NAAG PANCHMI KA KADWA SACH

सांप दरअसल मांसाहारी जीव होते हैं. सांप को भूख लगने पर वो मेंढक, चूहे, पक्षी, छिपकली, अपने से छोटे सांप का शिकार कर पेट भरते हैं. वहीं प्‍यास बुझाने के लिए सांप सिर्फ पानी पीते हैं, लेकिन भारत में सांपों से जुड़ी एक ऐसी परंपरा है, जिसके तहत सदियों से सांपों को दूध पिलाने की प्रथा है. नाग पंचमी पर तो सपेरे सांपों को लेकर गली-गली घूमते हैं और दूध पिलवाते हैं. इससे उन्‍हें पैसे और अनाज मिलता है. विशेषज्ञों के मुताबिक सांपों को दूध पिलाना गलत और सांपों के लिए नुकसानदायक है. इतना ही नहीं दूध पीने के कारण सांपों की मौत हो सकती है. सर्प विशेषज्ञ डॉ. विशाल पटेल के मुताबिक सांप ही नहीं किसी भी सरीसृप के लिए दूध नुकसानदायक होता है. उनका कहना है कि सरीसृप ना तो खुद दूध का उत्पादन करते हैं और ना ही इनमें दूध को पचाने वाले एंजाइम्स बनते हैं  दरअसल सपेरे नाग पंचमी से पहले सांपों के दांत तोड़ने के साथ ही उनकी जहर की ग्रंथि भी निकाल देते हैं. वहीं सपेरे नागपंचमी से पहले सांपों को कई दिन भूखा-प्यासा रखते हैं ताकि वे भूख के कारण कुछ खा पी लें.  विशेज्ञषों के मुताबिक दूध पीने से सांप के फेफड़े औ...